मंगलवार, 30 जुलाई 2013

कृत्रिम याददास्त के समस्यायें

दू  चार दिन पहिले  एगो खबर आइल बा जवना में धुरंधर वैज्ञानिक लोग एगो मूस के यादगारी  बदल  के ओमे आपन मनपसंद यादगारी फिट क देले बा लोग। बेचारा मूस औंजिया गइल बा कि कौन हमर आपन याद बा आ कौन धुरंधर ज्ञानी लोग के।
इ खबर पढ़ला के बाद हमर दिमाग बड़ा जोर  से चक्कर काटे लागल बा। सोंचत -सोंचत  हमरा दिमाग में मंथरा याद आ गइल कि केङ्ग सरस्वती जी ओकर दिमाग में खुराफात फिट क देली जोनासे रामायण के कहानी केतना बढ़ गइल। अगर सरस्वती जी ओकर दिमाग एङ्ग ने बदलले रहती , त का बन्हिया के रामजी चैन से राज करतन आ उनका सीता जी के बिछोह ना सहे के परित। रामजी धुरंधर आ  बरियार रहस ,ज्ञानी आ नीति निपुण रहस आ उनका हनुमान जी निअर एगो साथी भेटा गइल की उनकर मामला सेट हो गइल।
लेकिन उ राम जी के बात आज (भले ही पचीस पचास  साल बादे ) होखे लागी त हनुमान जी केकर-केकर मदद करिहन आ कहाँ से आतना हनुमान जी अएहन।
ज्ञानी लोग जवना लरकी के औरत के चाहे मरद के भगावे के चाही ओकर दिमाग के अइसन ने घुमा दी कि उ ज्यानी के अपन मान के ओकर पीछे -पीछे चले लगिहन। जालसाजी से लोग सम्पति लिखवा ली आ बेचारे कोर्ट में जा के कह अइहन  कि  हम आपना मन से कइले  बानी। बाकी एगो बात हमरा बुझाता कि ज्यादा से ज्यादा लोग इ बुद्धि बदले वाला कोर्स में नाम लिखावे के चाही आ एकर फीस भी बड़ा जादे  होइ।
खूब मजा  त तब आई जब दू गो ज्ञानी स एगो सुंदरी पर ध्यान लगाई लोग ,बेचारी बड़ा फेरा में पड़ जाई। अइसन कय गो समस्या खरा होई जवन अभी नइखे दिमाग में आवत।
रउआ  हमर बात से चाहे जातना हँस लीं लेकिन इ खबर हँस के उरावे वाला नइखे।